उम्मीद
सुना है उम्मीद पर दुनिया कायम है, आखिर क्या है ये उम्मीद, और हमे उम्मीद से इतनी उम्मीद क्यों है सब कुछ हारकर जितने की उम्मीद गिरे हुए को खड़ा होकर चलने की उम्मीद नेता को वोट मिलने की उम्मीद गरीब को काम मिलने पर नोटों की उम्मीद बेरोज़गार को रोज़गार की उम्मीद बीमार को स्वस्थ होने की उम्मीद बईमान को रिश्वत मिलने की उम्मीद ईमानदार को पुरुस्कार मिलने की उम्मीद बेसहारा को सहारे की उम्मीद भक्त को भगवान से उम्मीद नौकर को मालिक से उम्मीद रात के अँधेरे को सूरज की रौशनी की उम्मीद ज़िन्दगी का हौसला बढ़ाये रखती है उम्मीद जरुरी नहीं है हर बार पूरी हो जाये उम्मीद लेकिन इसमें निराश होने की बात क्या, एक बार और प्रयास कर के जितना की उमंग जगाती है उम्मीद तू मत हो निराश , उठ खड़ा हो और एक बार और कर प्रयास, प्रयास करता रहेगा जबतक उम्मीद की दुनियां कायम रहेगी तब तक - कवी अंदरूनी