आज का बेरोज़गार (हिंदी कविता)

नौकरी  की  तलाश  में  खड़ा  एक  बेरोजगार  है ,
आस  है , नौकरी  की  तलाश  है ,
कामयाब  होने  का  जज़्बा  है ,
आसमान  को  छूने   की  चाहा  है
नौकरी  की  तलाश  में  हताश  खड़ा  बेरोजगार  है ||

मेहनत करने  को  तैयार  है ,
हर  नयी  चीज़  को  सिखने  को  तैयार .
जी  जान  से  मेहनत  कर, दुनिया  को  पछाड़ने  को  तैयार  है
नौकरी  की  तलाश  में  हताश  खड़ा  बेरोजगार  है ||.


अपना  परिवार , बचपन  के  दोस्त यार  छोड़ने  को  तैयार है .
अपने  सारे  त्योहार , अपनों  से  दूर  बनाने को  तैयार है
नौकरी  की  तलाश  में  अपने  घर  आंगन  को  छोड़ने  को  तैयार  है
नौकरी  की  तलाश  में  हताश  खड़ा  बेरोजगार  है ||


बहन  की  शादी  की  चिंता  है ,
माँ  बाप  की  दवाई  की  खर्च  की   चिंता  है ,
समाज  के  ताने  सेहता, घर  की  का  खर्चा  उठाने  में  नाकामयाब  है ,
नौकरी  की  तलाश  में  हताश  खड़ा  बेरोजगार  है ||

दो  वक़्त  खाने  की  तलाश  है ,
दुसरो  की  तरफ  बेबसी  से  देखता  आज  का  बेरोज़गार  है
जोश  की  कमी  नहीं  है , मौके  की  तलाश  है
नौकरी  की  तलाश  में  हताश  खड़ा  बेरोजगार  है ||


- कवी अंदरूनी 

Comments

Popular posts from this blog

आज का आशिक़ (हिंदी कविता )

Aaj ka Ashiq

Lock Down aur pradushan (Ek Sandesh)